यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान अगर कॉपियों में नोट नत्थी मिले तो यह उन परीक्षा केंद्रों का खोट माना जाएगा, जहां की यह कॉपियां होंगी। ऐसे में इन परीक्षा केंद्रों पर भी कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड में मूल्यांकन के जो निर्देश तैयार हो रहे हैं, उसमें इसे गंभीरता से लिया गया है। पूर्व सचिव शैल यादव ने परीक्षा कक्ष में छात्र-छात्राओं के प्रवेश से पहले इस बात की भी तलाशी लेने के निर्देश दिए थे कि वह अपने साथ अनावश्यक रूप से नोट लेकर न आएं।



हर साल कॉपियों के मूल्यांकन के दौरान 100-50 से लेकर 2000 हजार रुपये तक के नोट कॉपियों में निकलते हैं। कई छात्र स्वत: नोट रखते हैं तो कई दफे स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य उन्हें इसकी सलाह देते हैं ताकि कॉपी जांचने वाले को प्रलोभन दिया जा सके। दो साल पहले तो जीआईसी में बड़ी संख्या में दो-दो हजार के नोट निकले थे। हाल में सोनभद्र के स्कूल प्रबंधक का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह परीक्षार्थियों को 100 रुपये का नोट कॉपियों में रखने की सलाह दे रहे थे। हालांकि इसके बाद प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस बार 10 दिन में जंच जाएंगी कॉपियां: इस बार बोर्ड परीक्षा की कॉपियां 10 दिन में जांच ली जाएंगी। इसके लिए मूल्यांकन केंद्रों व शिक्षकों की संख्या बढ़ाई जा रही है। सचिव यूपी बोर्ड नीना श्रीवास्तव ने सभी जिला विद्यालयों निरीक्षकों से डेढ़ से दो गुना मूल्यांकन केंद्रों का प्रस्ताव मांगा है ताकि कॉपियां जल्दी जांची जा सकें। उपमुख्यमंत्री एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बोर्ड सचिव को निर्देश दिए थे कि मूल्यांकन का काम कम समय में पूरा किया जाए। पिछले साल 8 से 25 मार्च के बीच 231 केंद्रों पर मूल्यांकन हुआ था। हाईस्कूल व इंटर की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन क्रमश: 79064 व 45808 परीक्षकों ने किया था।