17 फरवरी 2021 की 10 बड़ी खबरें


मोदी सरकार ने निजीकरण के लिए छांटे 4 बैंक, आगे बड़े बैंकों का भी हो सकता है प्राइवेटाइजेशन!

मोदी सरकार ने निजीकरण के अगले पड़ाव में 4 बैंको का चुनाव कर लिया है। इन बैंकों में बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ़ इंडिया, इन्डियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया शामिल हैं। इनमें से दो बैंको का निजीकरण अगले वित्तीय वर्ष में किया जाएगा। बैंको के निजीकरण होने से यहाँ काम कर रहे कई लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती है। साथ ही सरकार आने वाले समय में बड़े बैंको का भी प्राइवेटाइजेशन कर सकती है।


जल्द ही बढ़ने वाला है आपका मोबाइल बिल! टेलीकॉम कंपनियां बढ़ा सकती हैं टैरिफ

आने वाले समय में भारतीय ग्राहकों को फोन पर बात करने और डेटा के लिए ज्यादा रकम चुकानी पड़ सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि टेलिकॉम कंपनियों (Telecom Company) ने जल्द ही मोबाइल डेटा का दाम बढ़ाने की घोषणा कर सकती है. इंवेस्टमेंट इंफोर्मेशन फर्म (investment information firm) ICRA के अनुसार, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (telcos) अगले 1 अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2021-22 में अपने रेवेन्यू ग्रोथ को बढ़ाने के लिए कंपनियां एक बार फिर यह कदम उठा सकती हैं. बता दें कि इससे पहले पिछले साल भी कुछ टेलीकॉम कंपनियाें ने टैरिफ रेट में इजाफा किया था.


श्रीगंगानगर में आम आदमी का पेट्रोल 100 के पार, जानें अपने शहर में दाम

आज राजस्थान के श्रीगंगानगर में आम आदमी का पेट्रोल 100.07 रुपये पर पहुंच गया। यूं तो कच्चे तेल के अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस समय शांति ही छाई है। लेकिन, घरेलू बाजार में आज लगातार 9वें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में आग लगी। बुधवार को दिल्ली में पेट्रोल 25 पैसे प्रति लीटर चढ़ कर 89.54 रुपये पर चला गया। डीजल भी 25 पैसे का छलांग लगा कर 79.95 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया। भोपाल में तो XP पेट्रोल का दाम 100.44 रुपये प्रति लीटर पर चला गया। इस समय लगभग हर शहरों में दोनों ईधनों के दाम ऑल टाइम हाई पर चल रहे हैं।


पेट्रोल पर आधा सच बोल रही भारत सरकार, पाकिस्तान में है यहां से करीब आधा दाम

दिल्ली में इस समय पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपये प्रति लीटर है वहीं डीजल 79.70 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। सरकार का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते ऐसा हुआ है। लेकिन ये सच आधा है क्योंकि ईंधन की कीमत तब भी महंगी थी जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम थी। हालत ये है कि पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी पेट्रोल की कीमत 51 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल 52 रुपये 91 पैसे पर बिक रहा है। यानी पड़ोसी देशों के मुकाबले भी भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं।



पेट्रोल की बढ़ी कीमतों पर बीजेपी सांसद ने लगाई आग, कहा- 'लोगों की आमदनी भी बढ़ रही है'

सोमवार को एबी रोड स्थित मां राजराजेश्वरी मंदिर पर लोकार्पण एवं भूमि पूजन समारोह में शामिल होने आए सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी ने मीडिया से चर्चा में पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर कहा कि जिस अनुपात में पेट्रोल की कीमत बढ़ रही है, उसी अनुपात में लोगों की आमदनी बढ़ी है। दूसरी और उन्होंने बढ़ती हुई कीमतों के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। सांसद ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य रहा कि शुरुआत के 55 वर्ष में यहां कांग्रेस की सरकार रही। उस दौरान देश में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार नहीं किया गया जिससे कीमतों पर नियंत्रण किया जा सके।



बेचैनी खत्म! WhatsApp ले आया वो Feature जिसका था बेसब्री से इंतजार

WhatsApp हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. लेकिन एक लिमिट के बाद यही WhatsApp आपकी जिंदगी और प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा भी बन जाता है. आपको इस चैटिंग ऐप से जोड़ने के सभी तरीके मौजूद हैं. लेकिन इससे कुछ समय का ब्रेक लेने के लिए कोई टूल मौजूद नहीं है. अब इसी समस्या पर ध्यान देते हुए WhatsApp एक नया फीचर लेकर आया है.टेक साइट WaBetaInfo की नई रिपोर्ट के मुताबिक अब आपको WhatsApp में Log Out का फीचर मिलने वाला है. इस नए फीचर के लिए पिछले कई समय से मांग हो रही थी. दरअसल WhatsApp आपके साथ चौबीस घंटे एक्टिव रहता है. सुबह से शाम तक आपको दोस्तों-रिश्तेदारों और बिजनेस मार्केटिंग के मैसेज आते ही रहते हैं. इसके बावजूद आप इस ऐप से ब्रेक नहीं ले सकते थे. अभी यूजर्स को सिर्फ ऐप Delete Account करने का ही ऑप्शन है.


Gold Price Today, 16 February 2021: सोना खरीदने का 'गोल्डन चांस' 8800 रुपये मिल रहा है सस्ता!

क्या ये सोना खरीदने का सही मौका है? क्योंकि इक्विटी मार्केट में लगातार तेजी है, और सोने-चांदी कीमतें एक बेहद सीमित दायरे में सिमटकर रह गईं हैं. सोने को लेकर बुलियन एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि 2021 में ये 60,000 रुपये के पार जाएगा. लेकिन अबतक MCX पर सोने का अप्रैल वायदा 48,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे ही कारोबार कर रहा है. आज चांदी में भी सुस्ती दिख रही है. 


लॉकडाउन में सिर्फ तीन महीने में AAI काे हुआ 2700 कराेड़ से ज्यादा का नुकसान

नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार काेराेना के चलते विमान परिचालन पर लगातार किए गए राष्ट्रव्यापी चार लॉकडाउन के चलते 2000 कराेड़ से ज्यादा का राजस्व का नुकसान एयरपाेर्ट अर्थाेरिटी ऑफ इंडिया (AAI) काे उठाना पड़ा. वर्ष 2019 में अप्रैल से मई के दाैरान जहां AAI का राजस्व 2973 कराेड़ था वहीं पिछले साल यानि वर्ष 2020 के अप्रैल से लेकर मई के दाैरान यह सिर्फ 239 कराेड़ रहा. यानि करीब 2700 कराेड़ रुपए का राजस्व कम मिला जाे कि और ज्यादा भी बढ़ सकता था.


अगर चाहिए पीएम किसान की अगली किस्त तो फटाफट करें ये काम, वरना नहीं आएगा पैसा

पीएम किसान स्कीम के तहत हर वित्त वर्ष में मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये, 2000-2000 की तीन किस्तों में देती है. इसके तहत हर साल की पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है. 2019 में शुरू हुई इस योजना में बीते कुछ समय में कुछ गड़बड़ियां पाई गईं, जिसे सरकार ने सुधारने का फैसला किया है. सरकार ने इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया है. किसान सम्मान निधि योजना में नए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को अब आवेदन फॉर्म में अपनी जमीन का प्लाट नंबर भी बताना होगा. हालांकि नए नियमों का प्रभाव योजना से जुड़े पुराने लाभार्थियों पर नहीं पड़ेगा.


गाजीपुर बॉर्डर पर लगेंगे पंखे और कूलर, राकेश टिकैत बोले- यूपी ने बिजली नहीं दी तो दिल्‍ली से लेंगे

र्मी से निपटने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली के पंखे और कूलर की व्यवस्था की जाएगी। बिजली नहीं मिलेगी, तो जेनरेटर लाने के लिए भी किसान तैयार हैं।किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि पंखे-कूलर चलाने के लिए बिजली दिल्ली की ले लेंगे। दिल्ली से बिजली देने की मनाही नहीं होगी। दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि दिक्कत होगी, तो जेनरेटर ले आएंगे। टिकैत ने बताया कि गर्मी से निपटने के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार से बिजली कनेक्शन मांगी गई है। किसान बिल भर देंगे। धरना स्थल के मंच से किसानों को संबोधित करते हुए उन्होंने फिर कहा कि आंदोलन लंबा चलेगा। किसानों की संख्या कम होने पर उन्होंने कहा कि लंबे आंदोलन में यह सब होता है। कभी किसानों की संख्या अधिक तो कभी कम होती रहती है। किसान खेती-बाड़ी के काम में भी लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर किसानों की भीड़ फिर बढ़ जाएगी।